शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय की स्थापना 7 वी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत 24 सितम्बर 1987 को रा0 शी0 ज0 मा0 अनु0 केन्द्र के रूप में हुयी थी। यह संस्थान इस देश की एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय सुविधा है जहाॅ पर शीतजल की प्रमुख देशी व विदेशी मत्स्य प्रजातियों के पालन-पोषण पर अनुसंधान सम्बन्धी अन्वेषण कार्य किये जाते है। अपने आरम्भिक समय से शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के पास स्टाफ और अभिसंरचनात्मक संसाधनों का अभाव होते हुए भी इसने शीतजल मत्स्य संसाधनों के मूल्यांकन एंव पर्वतीय क्षेत्रों में प्रमुख शीतजल मत्स्य प्रजातियों के प्रसार हेतु समुचित तकनीकियों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राष्ट्रीय शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान केन्द्र की गतिविधियों के विस्तार हेतु तथा विभिन्न हिमालयी राज्यों में शी0 मा0 की संम्भावनाओ का पता लगाने की दृष्टि से इस केन्द्र को 11वी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय के रूप उच्चीकृत कर दिया गया ताकि हिमाचल से लेकर जम्मू एंव कश्मीर एवं अरूणाचल प्रदेश तक तथा दक्षिण क्षेत्रों में मत्स्य की स्थिति व दशा का पता लगाकर इन क्षेत्रों मे विशिष्ट तकनीकियों के प्रयोग द्वारा संसाधनों में वृद्वि की जा सके।
शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय का मुख्यालय उत्तराखण्ड़ राज्य के नैनीताल जिले में भीमताल/समुद्र तल से 1470 मी0 ऊचाई पर स्थित है। यह सुप्रसिद्व पर्यटक स्थल नैनीताल से लगभग 25 कि0 मी0 दूर है। सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन काठगोदाम जो किमी की दूरी पर है और दिल्ली से लगभग 250 किमी दूर है। निकटस्थ/स्थानीय हवाई अड्ढा पन्तनगर 45 कि0मी0 की दूरी पर है और इन्दिरा गाॅधी अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्ढा, दिल्ली है। संस्थान का प्रायोगिक फार्म प्रक्षेत उत्तराखण्ड़ राज्य के चम्पावत जिले के छिरापानी में स्थित है। जो भीमताल से 150 किमी की दूरी पर है। वर्तमान में यह निदेशालय एक ऐसी केन्द्रीय सुविधा के रूप में उभर रहा है जहां पर शीतजल की देशी व विदेशी मत्स्य प्रजातियों पर केन्द्रित प्रग्रहण और सम्वर्öन मात्स्यिकीें से सम्बन्धित अनुसंधान एंव अन्वेषण का कार्य किया जा रहा है।